भगवान शिव के 108 नाम (अर्थ सहित) जिसमें से 108 नामों का विशेष महत्व है ! P-002


                                  
1- शिव - कल्याण स्वरूप 
2- महेश्वर - माया के अधीश्वर 
3- शम्भू - आनंद स्वरूप वाले 
4- पिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वाले 
5- शशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले 
6- वामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले 
7- विरूपाक्ष - ‍विचित्र आंख वाले( शिव के तीन नेत्र हैं) 
8- कपर्दी - जटाजूट धारण करने वाले 
9- नीललोहित - नीले और लाल रंग वाले 
10- शंकर - सबका कल्याण करने वाले
 11- शूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले 
12- खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले 
13- विष्णुवल्लभ - भगवान विष्णु के अति प्रिय 
14- शिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वाले 
15- अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति 
16- श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले 
17- भक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले 
18- भव - संसार के रूप में प्रकट होने वाले 
19- शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले 
20- त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी 
21- शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वाले 
22- शिवाप्रिय - पार्वती के प्रिय 
23- उग्र - अत्यंत उग्र रूप वाले 
24- कपाली - कपाल धारण करने वाले 
25- कामारी - कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले 
26- सुरसूदन - अंधक दैत्य को मारने वाले 
27- गंगाधर - गंगा जी को धारण करने वाले 
28- ललाटाक्ष - ललाट में आंख वाले 
29- महाकाल - कालों के भी काल 
30- कृपानिधि - करूणा की खान 
31- भीम - भयंकर रूप वाले 
32- परशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वाले 
33- मृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वाले 
34- जटाधर - जटा रखने वाले 
35- कैलाशवासी - कैलाश के निवासी 
36- कवची - कवच धारण करने वाले 
37- कठोर - अत्यंत मजबूत देह वाले 
38- त्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वाले 
39- वृषांक - बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले 
40- वृषभारूढ़ - बैल की सवारी वाले 
41- भस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वाले 
42- सामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वाले 
43- स्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वाले 
44- त्रयीमूर्ति - वेदरूपी विग्रह करने वाले 
45- अनीश्वर - जो स्वयं ही सबके स्वामी है 
46- सर्वज्ञ - सब कुछ जानने वाले 
47- परमात्मा - सब आत्माओं में सर्वोच्च 
48- सोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले 
49- हवि - आहूति रूपी द्रव्य वाले 
50- यज्ञमय - यज्ञस्वरूप वाले 
51- सोम - उमा के सहित रूप वाले 
52- पंचवक्त्र - पांच मुख वाले 
53- सदाशिव - नित्य कल्याण रूप वाल 
54- विश्वेश्वर- सारे विश्व के ईश्वर 
55- वीरभद्र - वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले 
56- गणनाथ - गणों के स्वामी 
57- प्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वाले 
58- हिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वाले 
59- दुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वाले 
60- गिरीश - पर्वतों के स्वामी 
61- गिरिश्वर - कैलाश पर्वत पर सोने वाले 
62- अनघ - पापरहित 
63- भुजंगभूषण - सांपों के आभूषण वाले 
64- भर्ग - पापों को भूंज देने वाले 
65- गिरिधन्वा - मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले 
66- गिरिप्रिय - पर्वत प्रेमी 
67- कृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वाले 
68- पुराराति - पुरों का नाश करने वाले 
69- भगवान् - सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न 
70- प्रमथाधिप - प्रमथगणों के अधिपति 
71- मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाले 
72- सूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वाले 
73- जगद्व्यापी- जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले 
74- जगद्गुरू - जगत् के गुरू 
75- व्योमकेश - आकाश रूपी बाल वाले 
76- महासेनजनक - कार्तिकेय के पिता 
77- चारुविक्रम - सुन्दर पराक्रम वाले 
78- रूद्र - भयानक 
79- भूतपति - भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी 
80- स्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले 
81- अहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वाले 
82- दिगम्बर - नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले 
83- अष्टमूर्ति - आठ रूप वाले 
84- अनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वाले 
85- सात्त्विक- सत्व गुण वाले 
86- शुद्धविग्रह - शुद्धमूर्ति वाले 
87- शाश्वत - नित्य रहने वाले 
88- खण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले 
89- अज - जन्म रहित 
90- पाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वाले 
91- मृड - सुखस्वरूप वाले 
92- पशुपति - पशुओं के स्वामी 
93- देव - स्वयं प्रकाश रूप 
94- महादेव - देवों के भी देव 
95- अव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वाले 
96- हरि - विष्णुस्वरूप 
97- पूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाड़ने वाले 
98- अव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वाले 
99- दक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले 
100- हर - पापों व तापों को हरने वाले 
101- भगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोड़ने वाले 
102- अव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले 
103- सहस्राक्ष - हजार आंखों वाले 
104- सहस्रपाद - हजार पैरों वाले 
105- अपवर्गप्रद - कैवल्य मोक्ष देने वाले 
106- अनंत - देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित 
107- तारक - सबको तारने वाले 
108- परमेश्वर - परम ईश्व र 

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